शेयर बाजार पर कोरोनावायरस का असर बढ़ता जा रहा है। सोमवार को सेंसेक्स 4,035 अंक गिरकर 25,880.83 पर आ गया था। यह इंट्रा-डे में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। निफ्टी भी 1,161.85 अंक टूटकर 7,583.60 के निचले स्तर पर आ गया था। सेंसेक्स 25,981.24 पर बंद हुआ। यह दिसंबर 2016 के बाद सबसे निचला स्तर है। निफ्टी 7,610.25 पर बंद हुआ। यह अप्रैल 2016 के बाद सबसे निचला स्तर है।
12 साल में सेंसेक्स की 10 बड़ी गिरावट में से 6 इसी महीने
तारीख | सेंसेक्स में गिरावट (इंट्रा-डे) |
23 मार्च 2020 | 4035 |
13 मार्च 2020 | 3389 |
12 मार्च 2020 | 3204 |
16 मार्च 2020 | 2919 |
9 मार्च 2020 | 2467 |
22 जनवरी 2008 | 2273 |
21 जनवरी 2008 | 2062 |
24 अगस्त 2015 | 1741 |
28 फरवरी 2020 | 1526 |
6 मार्च 2020 | 1460 |
सेंसेक्स में 10 दिन में दूसरी बार लोअर सर्किट लगा
सोमवार को शुरुआती एक घंटे के कारोबार में ही सेंसेक्स 10% गिर गया। इस वजह से लोअर सर्किट लिमिट लागू हो गई और 45 मिनट के लिए ट्रेडिंग रुक गई। बाजार फिर से खुला तो भी गिरावट नहीं थमी। इससे पहले 13 मार्च को भी लोअर सर्किट लगा था, लेकिन बाजार फिर से खुला तो रिकवरी हो गई और बढ़त के साथ बंद हुआ था।
बीएसई पर 550 शेयरों में लोअर सर्किट
सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 1953 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। सिर्फ 203 शेयरों में बढ़त देखी गई, जबकि 122 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं दिखा। 550 शेयरों में लोअर सर्किट लगने की वजह से उन कंपनियों के शेयरों में ट्रेडिंग रोक दी गई। 51 कंपनियों के शेयरों में अपर सर्किट की वजह से ट्रेडिंग रोकनी पड़ी।
गिरावट रोकने के लिए सरकार और सेबी के कदम भी बेअसर
शेयर बाजार के रेग्युलेटर सेबी ने पिछले हफ्ते शॉर्ट सेलिंग के नियम सख्त किए थे। इससे उम्मीद बनी कि शायद बाजार में गिरावट कुछ कम हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कोरोनावायरस की वजह से आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती को देखते हुए सरकार ने भी मोबाइल फोन और फार्म इंडस्ट्री के लिए राहत के ऐलान किए, लेकिन बाजार पर कोई असर नहीं दिखा। विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे हैं। वे दो हफ्ते में बाजार से 50,000 करोड़ रुपए निकाल चुके हैं।